निः शब्द अभिव्यक्ति
कविताओं में एक जादू है।वो दिलों को छू लेती हैं। इस सफ़र की शुरूवात भी अनकही ऐसी ही कविताओं से होगी जो छुएँगी दिलों को।
Subscribe to:
Posts (Atom)
WRITTEN BY MOHIT SHRIVASTVA
तारीखें
-
O MOM ! Sun is starting to fall on my forehead Slowly Slowly Mom becomes a chap of banyan is scattering Slowly Slowly ...
-
माँ गोद में लेकर झुलाने लगी है, फ़रिश्ते सारे मुस्कुराने लगे हैं। देखो वो मट्टी के दीये, उदास, बुझे हुए, छूकर माँ के हाथों को, ट...
-
कुछ तारीखें गुज़रती हैं, कुछ तारीखें थमती हैं। कुछ तारीखें कुछ ले जाती हैं, कुछ तारीखें कुछ दे जाती हैं, कुछ तारीखें रुलाती हैं, क...