कविताओं में एक जादू है।वो दिलों को छू लेती हैं। इस सफ़र की शुरूवात भी अनकही ऐसी ही कविताओं से होगी जो छुएँगी दिलों को।
Saturday 30 December 2017
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WRITTEN BY MOHIT SHRIVASTVA
तारीखें
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O MOM ! Sun is starting to fall on my forehead Slowly Slowly Mom becomes a chap of banyan is scattering Slowly Slowly ...
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माँ गोद में लेकर झुलाने लगी है, फ़रिश्ते सारे मुस्कुराने लगे हैं। देखो वो मट्टी के दीये, उदास, बुझे हुए, छूकर माँ के हाथों को, ट...
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कुछ तारीखें गुज़रती हैं, कुछ तारीखें थमती हैं। कुछ तारीखें कुछ ले जाती हैं, कुछ तारीखें कुछ दे जाती हैं, कुछ तारीखें रुलाती हैं, क...
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